भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लैवौ राम नाम इक सच्चा / ईसुरी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:14, 1 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ईसुरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGeet}} {{KKCatBu...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लैवौ राम नाम इक सच्चा।
दूर होय दुख दच्चा।
हिरनाकस पिहलाद के लानैं।
कौन तमासो रच्चा।
सबरे बरतन पके अबाके,
बो बर्तन रऔ कच्चा।
बरत आग सैं कूँदत आ गए,
मनजारो के बच्चा।
लै-लै राम निकारौ, ईसुर,
मिल्ला-दुल्ला-फुच्चा।