बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
दीपक दया धरम को जारौ,
सदा रात उजयारौ।
धरम करे बिन करम खुलैना,
ज्यौं कुन्जी बिन तारौं,
समझा चुके करै न रइयो।
दिया तरै अंदयारौ।
कात ईसुरी सुनलो भईया
लगजै यार न वारौ।
दीपक दया धरम को जारौ,
सदा रात उजयारौ।
धरम करे बिन करम खुलैना,
ज्यौं कुन्जी बिन तारौं,
समझा चुके करै न रइयो।
दिया तरै अंदयारौ।
कात ईसुरी सुनलो भईया
लगजै यार न वारौ।