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एक दिन चूक जात सब कोई / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
एक दिन चूक जात सब कोई
केसऊ स्यानों होई।
हय गज दन्त पुनीत चड़इया।
चूक जात जे दोई।
चूक जात मानस परखइया।
परख रहे हैं खोई।
चूकजात पुरानिक पाँडे
वैरागी तपसोई।
ईसुर कात चुगत न चूकै।
होवै बड़ो अनोई।