Last modified on 1 अप्रैल 2015, at 17:25

देखत स्याम माँग पै मोये / ईसुरी

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:25, 1 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=ईसुरी |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

देखत स्याम माँग पै मोये,
गोला मुख पै गोये
फन्दन फन्द फूल बेला कौ,
बीचन बीच बिदोये।
बेनी जलद चार कय केरत,
तिरवेंनी सें धोये,
उठत पराग अतर पटिया की,
गये सरवोर निचोये।
ईसुर उतै प्राण की परवी
मन लै चली चितौये।