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पेलो मास जो लागियो ये / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

KKCatMalawiRachna‎

पेलो मास जो लागियो ये
धनारायणी आल भोले मन जाय
अनोखा धनराणी, ऐके धनराणी
मजला मजला आप
पेले मजल थारे लापसी ऐके धनराणी
दूसरे मजल बूरा खांड
तीसरे मजल थारे खोपरो
चौथ दाड़िम दाख