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कुँवार मास मैया थपणा थपत है / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कुँवार मास मैया थपणा थपत है
कारतिक खेले गाय हो मैया
कारतिक मास मैया परब दिवाली
अगइन अन-धन होय
पोस तुसरिया, माह भदोरिया
फागुण खेले फाग
चैतेज मास मैया चित् उठ लागे
वैशाखे फूली फूलवास
जैठे जो मास मैया तपना तपत है
आषाढ़ बोले चतुरक मोर
सावण मास मैया रिमझिम बरसे
भादव गेर गम्भीर