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धार नगर नी तुई वो मालनड़ी / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

धार नगर नी तुई वो मालनड़ी
तुई वो चतरड़ी
सेहरड़ो गूंथी लावजे हो
गूंथत-गूंथत सेरिया में आई
सेरिया में आई, बजार में आई
राय हो फलाणा राय नो घर वन्यांनोजी
ऊँची-ऊँची मेड़ो, ने लाल किवाड़ो
दिवलो बळे बत्तीस सरियो जी
राय हो फलाना राय नो घर वन्यांनोजी