Last modified on 29 अप्रैल 2015, at 15:51

रंग का चार बनड़ा। / मालवी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:51, 29 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मालवी }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रंग का चार बनड़ा।
पिया लो म्हारा आवो वासी रंगरा
हस्ती तो लाजो कजली वनरा
घोड़ा तो लाजो खुरासान रा
गाड़ी तो लाजो मारू देस री
मेवा तो लाजो गढ़ गुजरातरा
नाड़ा तो लाजो नखल देसरा
मेंदी तो लाजो टोड़ा देसरा
सालू तो लाजो सांगानेर री
गेणा तो लाजो सोनी देसरा
बेटी तो लाजो बड़ा बापकी