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होजी कचेरी रा पड़दा खोल दो / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

होजी कचेरी रा पड़दा खोल दो
देखण दो फलाणा राज रा भीम
होजी उन राया रो कई देखणो
वे तो नमी रया हो उनके चीरां रे भार
बधावोजी म्हें सुण्यो
होजी रसोई रा पड़दा खोल दो
म्हने देखण दो साजनिया री धीय
बधावोजी म्हें सुण्यो
होजी उन राणी रो कई देखणो
वे तो नमी रया उनका चुड़िला रा भार
नानी बऊ दबीरया केसरिया रे भार
बधावो जी म्हें सुण्यो।