चित्र विचित्र: विखरल चित्र / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
ग्राम-नगर केर प्रकृति-विकृति सभ देखब अपने गाम
युग पुरान ओ नव उड़ान अछि कौतुकमय परिनाम
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बाल कृष्ण पाठकक पाठ पारायण कथा पुरान
धनु पाठकक पुरोहित, सूर्युक सर्वोदयि विज्ञान
चुम्मा बाबुक नीति लक्ष ओ नूनूबाबुक पक्ष
रत्तनबाबुक अन्न-कक्ष, मुखियाजिक करतब दच्छ
नवल योजना भूपेन्द्रक, देवेन्द्रक चित्र प्रसंग
यादवेन्द्र बाबूक वचन - रचना किछु पूर्वक ढंग
मंग - मंगनू बाबूक चरफर खन कचहरि खरिहान
चंदर बाबुक शक्तिक संगहिँ काज-तिहार खटान
शील अनूप रूपनारायण जनिक दूर धरि डाक
पत्रकार बिन्देश्वर ठाकुर पटनहु जनिकर हाक
बाबू - उदित - नरायण तेजो तेजोमय परिवार
रामचन्द्र बाबू पुनि आनहु मच्छ-मच्छ सरदार
मोहन व्योम उड़ान, सुर्यु बाबुक कचहरी कमान
जयवीरो बाबूक रगड़, श्यामो बाबूक जुटान
गप गिरिवरक, छड़ी भातुक, सोनेक हाक, गुरु चाह
रामायणो हृषिकेशहु - कौशल बाबुक उत्साह
युक्त समाजक उक्त राम रक्षा ओ राम बिलास
राधाकृष्णक अर्चा, चर्चा देवकान्त सुविकास
स्वर गिड़गिड़ी शत्रुहन बाबू खेलन मधुरे भोज
कपिलदेव मास्टरक चिकित्सामे आयल अछि ओज
भाइ रमाकान्तक आवेश दिनेशक ठाकुर - द्वार
वीरेन्द्रक वरीयता, बटुकक पटुता कृषि - आधार
चीनी चाह चुनी भाइक, चूभा बाबुक संघर्ष
पुनि पुनि नूनू बाबुक सबतरि जेठ - छोट संपर्क
धीर गभीर श्रील रणवीरक मौन मौन मुसुकान
गोष्ठी कौशल - यदुवीरक लाला बाबुक विज्ञान
लक्ष्मी, रामहु शरण, रतीशहु, शोभा मधुर स्वभाव
श्रमहु बड़ेबाबुक, श्रीकृष्णक संघटनाक प्रभाव
रुचि लछमी, बौएलालक बल, विश्वनाथ मधु राग
नागेश्वर उपेन्द्र भोला कहुँ रहथु, गाम-अनुराग
बटुक जीक अभिनय थापी - टाँकी पटु तबला बोल
ठकनक कीर्तन राजकिशोरक स्वर सतीश अनमोल
जाथु पड़ाय पड़ाउ, गाम लेल दुनिया भूप बसाय
बहथि त्रिवेणी नारायण छवि उत्तम चित्र सजाय
कपिलेश्वर केर पूजन - अर्चन रामउदार विराग
जाय कुशेश्वर वैद्यनाथ जगबथु नारायण भाग
सड़क किनार इनारे बच्चा बाबुक खर - खरिहान
रामजीक जीपक उड़ान, चौकहु हरिचरणक पान
मुखिया दीना रामजीक कत पाँती सजल दोकान
तहसिल फसिल सोंठि - मर्चाइक व्यापारीक जुटान
हाट-बजार गुडुकि क्यौ चरफर कय राशनक प्रवध
गुड़ मर्चाइ मकइ अन-धन बिकिनय पेठिया लय कंध