भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मार्कण्डेय / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:42, 20 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
युग-युग धरि जीबथि कृति बल जे यश-अवदाते
सप्त चिरंजीवी कर्मठतेँ पठित प्रभाते
हुनि संगहिँ मुनि मार्कण्डेयक नाम आठमे
शिवक कृपा वल यमदल निदरि चिरायु पाठमे
दुर्गा सप्तशतीक जे ऋषि, मन्त्रक द्रष्टा थिका
पौराणिक व्यक्तित्व संग युगजीवी संस्था थिका