भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एइसन दुनिया एइसन लोग / मोती बी.ए.

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:27, 20 मई 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एइसन दुनिया एइसन लोग
रामजी बनवले रहें ना।

भरल रहे राम नदिया में पानी
बनल रहे गोरी तोहरी जवानी
पानी में मछरिया हाथ में फँसरिया
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

बँसुरी बजावे पनघटवाँ सँवरिया
बहकि बहकि जाए गोरी के नजरिया
कूँआँ में गगरिया हाथ में रसरिया
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

चिरई ले आवे राम चुनि चुनि दाना
उड़ि उड़ि फुदुकि फुदुकि गावे गाना
खेतवा में दनवाँ फेड़ में खतोनवाँ
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...

हँसति रहे राम दियना में बाती
पिया बिनु जियरा जरे दिन राती
गोरी के गवनवाँ पिया के भवनवाँ
रामजी बनवले रहें ना।
एइसन दुनिया...