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रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के / मगही

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रामचंदर जलम लेलन<ref>लिया</ref> चइत<ref>चैत मास</ref> रामनमी के॥1॥
डगरिन जे नेग<ref>शुभ अवसरों पर हकदार सगे-सम्बन्धियों अथवा हजाम आदि पौनियों को दिया जाने वाला उपहार</ref> माँगइ, नार के कटाइ<ref>काटने का</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो,<ref>लूँगा</ref> चैता रामनमी के॥2॥
नाउन<ref>हजामिन</ref> जे नेग माँगे, पैर के रँगाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥3॥
धोबिन जे नेग माँगे, फलिया<ref>सेवा-लुगुरी, सुजनी-साड़ी</ref> के धोबाइ<ref>धुलाई</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥4॥
फूआ<ref>बुआ, फुआ</ref> जे नेग माँगे आँख के अँजाइ<ref>आँजन करने का पुरस्कार</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥5॥
दाई जे नेग माँगे, सौरी के झोराइ<ref>प्रसूति-गृह की सफाई धुलाई का पारिश्रमिक</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥6॥

शब्दार्थ
<references/>