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हम नहीं माँगते स्वर्ग / एन. मनोहर प्रसाद

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हम नहीं माँगते स्वर्ग
इस धरती पर
हम तो किंचित राहत-उपराम और आराम
या दम मारने की फ़ुर्सत चाहते
जगह चाहते
जगह एक कॉलम भर,
शायद अर्ध-कॉलम भर,
या बस एक कॉमा भर,
बस यही है मेरी ज़िन्दगी का पूर्ण प्रश्न?
और यही प्रश्न है मेरे अभागे लोगों का भी
तुममें से कोई है इस से अवगत
या है कोई ऐसा जो कम से कम इसे समझे?