Last modified on 28 जुलाई 2015, at 14:46

अँगना में रिमझिम कोहबर दीप बरे हे / मगही

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:46, 28 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अँगना में रिमझिम कोहबर दीप बरे<ref>जलता है</ref> हे।
अरे ताहि कोहबर सुतलन कवन दुलहा,
बेनिया डोलाइ माँगे हे॥1॥
बेनिया डोलइते हे आवल<ref>आ गई</ref> सुखनीनियाँ।
रसे रसे<ref>धीरे-धीरे</ref> बीत गेलइ सउँसे<ref>समूची</ref> रँगे रतिया॥2॥

शब्दार्थ
<references/>