भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

देश / सनेस / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:09, 4 अगस्त 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

देश हमर अछि भारत वर्ष, सभसँ बढ़ल चढ़ल उत्कर्ष
जनिक माथपर उज्जर केश, बनल हिमालय निर्मल वेश
हिलि-मिलि गंगा-यमुना नीर, उमड़ल जेहिना मन आवेश
वृद्ध पितामह भारत वर्ष, जनिक कोर चढ़ि पाबी हर्ष॥1॥
कुरु क्षेत्र केर कथा सुनाय, आखर रामायणक बुझाय
बोधथि गुन - गुन गीता गाबि, कानि उठी हम जखन चेहाय
नानी वृद्धा भारतवर्ष, कथा सुनाबथु लाखो वर्ष॥2॥