Last modified on 5 अगस्त 2015, at 11:18

हितोपदेश / राजकमल चौधरी

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:18, 5 अगस्त 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजकमल चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रातिखन भोजन काल कहलनि सतमाय
बाउ, बहराउ कविताक कोहबरसँ
नौकरी-चाकरीक करू उपाय
अहाँ एकसरे नइँ छी
एकटा कन्याक हाथ छिअइ धएने
नइँ चलत काज
कालिदास बाणभट्ट विद्यापति कएने
विक्रमादित्य, श्रीहर्ष, लखिमा ठकुराइनसभ भए जाथु स्वाहा
जाइ छी, फोलब पान-बीड़ीक दोकान दरभंगा टावर-चौराह