स्लिप ऑफ पेन / चन्द्रनाथ मिश्र ‘अमर’
अपनो सभकेँ सुनल होयत जे
वर्षा बिनु छल पड़ल अकाल
इन्द्रपुरीमे नक्सलबाड़ी वला
कराय देलक हड़ताल
सरकारी घोषणा भेल छल
होयत उपाय एकर तत्काल
सत्य-अहिंसा फलाहार कय
कहुना खेपि लिअऽ ई साल
पाँच बरख धरि आरो जनता
रहओ खटैत बान्हि कऽ पेट
गाम गाममे बिजली लागत
खेत खेतमे पम्पिङ सेट
नहरि-छहरिसँ बान्हि पानिकेँ
चारू कात देत छिड़िआय
ने रौदीमे धीपत धरती
बहत बाढ़िमे नहि भसिआय
गाम गाममे मुखिया सुखिया
ब्लौक ब्लौकमे बी.डी.ओ.
जनताकेँ बैसक नहि भेटय
नार पोआरक बीड़ीओ
दफ्तरमे सभ काज होयत जँ
रहत संग दसटकही नोट
नेता हेतु जोगा कय राखू
समय समय पर चन्दा, वोट’
तीन योजना पूरल वा नहि
लेलनि कर्ज माथ पर थोपि
पटना दिल्ली आइ रहल अछि
भोज बेरमे कुमहड़ रोपि
खाद पटा कय जोति कोड़ि कय
उपजा दै’ छल जे गोवंश
राखि चुनावक चिह्न कराबथि
तकरे हत्या बनल नृशंस
सतसठिमे शठ सठले सभटा
सत् सठि गेल, आपसँ आप
किछु बचलाहा मध्यावधिकेँ
मानि रहल अछि अपने पाप
देश देशसँ छल आयल जे
भूख-पीड़ितक हेतु ‘रिलीफ’
बँटने छला जाय निज हाथेँ
‘चीफ’ उठाय कते तकलीफ’
अमरीकी भऽ फुसिये बजला
टेलीवीजन पर हेंजेन
होटल बोतल वला बाततँ
साफ साफ छल ‘स्लिप ऑफ पेन’
नेता खण्डन करबे करितथि
अपन लगाय विचारक क्रेन
पत्रकार पुछितनि ते कहितथि
स्लिप ऑफ पेन वा ‘स्लिप ऑफ ब्रेन’?