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न्यायक भवन कचहरी नाम / चन्दा झा

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न्यायक भवन कचहरी नाम।
सभ अन्याय भरल तेहि ठाम॥

सत्य वचन विरले जन भाष।
सभ मन धनक हरन अभिलाष॥

कपट भरल कत कोटिक कोटि॥
ककर न कर मर्यादा छोटि॥

मन कवि ‘चन्द्र’ कचहरी घूस।
सभ सहमत ककरा के दू स?