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नानी कहती नई कहानी / आरसी प्रसाद सिंह

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एक नदी है बड़ी सयानी, बहने दो!
नानी कहती नई कहानी, कहने दो!
पंछी गाते हैं बहार में, गाने दो!
नैया पहुँची बीच धार में, जाने दो!
सेबों से हर डाल भरी है, पकने दो!
दरवाजे पर भीड़ खड़ी है, बकने दो!
चूहे-बिल्ली में खटपट है खाने दो!
पप्पी का पिल्ला नटखट है, आने दो!
मम्मी की है फ्रॉक निराली, सीने दो!
पापा के मुँह में है प्याली, पीने दो!
एक महल है बहुत पुराना, गिरने दो!
एक नगर है बहुत सुहाना, उठने दो!
मुन्ना सपने में रोता है, रोने दो!
दुनिया में जो कुछ होता है, होने दो!