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तिनका तिनका जोड़कर / त्रिलोक सिंह ठकुरेला

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तिनका तिनका जोड़कर, बन जाता है नीड़।
अगर मिले नेत्तृत्व तो, ताकत बनती भीड़॥
ताकत बनती भीड़, नये इतिहास रचाती।
जग को दिया प्रकाश, मिले जब दीपक, बाती॥
'ठकुरेला' कविराय, ध्येय सुन्दर हो जिनका।
रचते श्रेष्ठ विधान, मिले सोना या तिनका॥