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वैलेंटाइन / मोहिनी सिंह

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इस वैलेंटाइन
तुम गुलाब याद करना
गुलाबी शाम याद करना
याद करना हर हग किस प्रॉमिस
उन्माद से भरी रातें
होटल का कमरा
मेरी तेज सांसें
सजी संवरी मैं
मेरे सुर्ख लाल होंठ
तुम्हारे गालों पे उसकी छाप
आँखों का काजल
पास बुलाती आँखें
पसीने की बूंदे
आँहें, तड़प
तुम ये सब याद करना
रुमानियत से भरना
मैं याद करुँगी
मेरा उल्टियाँ करना
और पीठ पे रखा तुम्हारा हाथ,
साफ़ करना मेरे कपड़े,
चलना मेरे साथ,
तुम्हारा मजबूत कन्धा,
धूप में मुझे छेक लेना
उपवास में टोकरी भर फल खिलाना,
डांटना नाश्ता छोड़ने पर,
पॉकेट मनी से करवाना
मेरे माइग्रेन का इलाज,
मेरे थके कंधे देखना और निःसंकोच ले लेना
लेडीज पर्स अपने हाथ।
देखना मुझे लौटते
सनगलास्सेस से अपने आंसू छिपाना,
हमारे अलग होने की वजह
किसी को न बताना,
मेरी सबसे रूमानी यादें है
सबसे अलग सबसे ख़ास