Last modified on 17 फ़रवरी 2008, at 14:45

लेखक: वचनेश

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~

उपजेगी द्विजाति में रावण से मदनान्ध अघी नर-नारि-रखा।

रिपु होंगे सभी निज भाइयों के धन धान्यहिं छीने के आप-चखा।

यदि पास तलाक हुई तो सुनो हमने 'वचनेश` भविष्य लखा।

फिर होंगी नहीं यहाँ सीता सती मड़रायेंगी देश में सूपनखा।।

-(परिहास, पृ०-२८)वचनेश