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साकार सपना / निदा नवाज़

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कल रात मैंने
एक सपना देखा
अचानक मेरी उंगलियाँ
लम्बी होती गईं
साँप बनती गईं
और मेरे ही शरीर को
डसने लगीं।
और आज प्रातःकाल
जब मैं घर से निकला
रात्रि का सपना
मेरे घर के आँगन में
मेरी प्रतीक्षा कर रहा था।