भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उपहार / निदा नवाज़

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:37, 12 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=अक्ष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरे लिए
हर दिन जन्म लेती हो
तुम
कोमल सुबह बन कर
हरियाली के चेहरे पर
ओस बनकर
मैं हर सुबह
चुनता हूँ
कुछ स्मृति-बूंदें
अपने भविष्य के लिए
इस कारण हर दिन
तुम्हारा जन्म-दिन है
मेरे लिए
और मैं हर दिन
देता हूँ तुम्हें
एक नया उपहार
एक नई भावना
कभी आंसुओं की माला
कभी एक नई कविता.