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दुःख होता है / निदा नवाज़

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(फलस्तीनी स्वतन्त्रता सेनानियों के नाम)

प्रात: कालीन सूर्य की
लालिमा को
काली बदली अगर छिपाए
दुःख होता है
आँखों पर प्रतिरोध लगा कर
रात्र को भी दिन बतलाए
दुःख होता है
पाप की काली चादर हर ओर
फैले,दिनकर
देखता जाए
दुःख होता है
मानव को
मानव अधिकार के बदले
स्वतन्त्रता के बदले
घाव मिले
गोली मिल जाए
दुःख होता है
आशा,पुष्प और सत्य की क्यारी
हठधर्मी से रौंधी जाए
दुख होता है।