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कहीं धूप कहीं छाया / कस्तूरी झा ‘कोकिल’

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आजादी पैनें/आठ साल।
मतर/वेहे रङ
सटलऽ पेट/पिचकलऽ गाल।
बड़की-बड़की दाढ़ी,
धूरा गरदा सँ/भरलऽ बाल।
केकरा कहै छै साबुन?
कैन्हों रूमाल।
उघारे देह/धोतियो तार-तार।
पत्नी केऽ पुतली/नसीब कहाँ साया!!!
ईश्वर केऽ माया।
छपरोॅ पर/खोॅड़ नैं...
दुआरी पर/होॅर नैं।
बधनी जवान/खेत नै खलिहान।
केना करबै शादी?
कानै छै माय/कानै छै दादी।
छोड़ा सब मड़राबै छै/ रोजे धमकाबै छै।
मुखिया केऽ कहला सें/आगे लगाबै छै।
देखी लेऽ/मुखिया केऽ/गोले-गोल भोंट
टुह-टुह गाल/पक्का मकान।
घोड़ा/घोंड़सार/होण्डा चौपाल।
नेता रऽ बाते की/रंग बिरंगा कार,
मुट्ठी में सरकार।
पचमहला मकान/द्वारे दरवान।
मुहों में/बनारसी पान
रात केऽ बोतल/पंचसितारा होटल।
छूमछनन वाई/पत्नी पराई।
कहूँ नै/सुनवाही/के देथौं गवाही?
केकरऽ सस्तो जान? गुंडा रऽ पौवारह
कहरै छै/हहरै छै/भीतरे भीतरे/इन्सान।
दौड़ऽ हो/भगवान/दौड़ऽ हो/भगवान।

-अंगिका लोक/ अप्रेल-जून, 2008