आसन पर आसीन भेॅ गेलोॅ
लम्पट लोभी चोर उचक्का
मौसम बदलि गेलोॅ छै एन्हों
लोग देखी के छै भौचक्का
राजनीति के खेल देखियै
सभ्भे हाथ लुकाठी लुक्का
संसद के गतिविधि देखी केॅ
कथी लेॅ छोॅ तों हक्का-बक्का
होकरोॅ हाल आरु नै पूछॉे
मारि रहल छै चौका छक्का।