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गीत / कुंदन अमिताभ
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ढोल बाजै दुआरी थमस आबेॅ अँगना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
लाड़ो केरऽ सूरत देखी अमड़ी पड़लै जमुना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
पढ़ली लिखली डाक्टरनी छेकै सबगुण सम्पन्ना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
हमरऽ गति कोय नै जानै सुनतै के कानना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
छूटेॅ लागलै घऽर बाबू के कपसेॅ लागलै कँगना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
धिया के कानबऽ देखी कानेॅ लागलै तरबन्ना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
डोली में बैठथैं लाड्ऽ लेॅ घऽर भेलै बीराना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।
आसीस हमरऽ तोरा बेटी संसार तोरऽ सजना
हमरऽ धिया, सुनऽ पहुना एगो अनमोल गहना।