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कशमीर केरऽ लोर / कुंदन अमिताभ

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नदी उफनी-उफनी केॅ शहर में बहै छै
लहू अबेॅ नस में नै सड़क पेॅ बहै छै।
डार-डार सुखलऽ प्यार के पत्ता झरी गेलै
बीयाबानऽ में ऐन्हे जालिम हवा बहै छै।
धूरा बवंडर में लेबझैलऽ शहरऽ के पोर-पोर
कोरे-कोर धोधैलऽ रेत बेसुमार है छै।
कन-कन ठार जिगर धुंध कोहासऽ सगर
जेहाद केरऽ धार में स्वर्गऽ के आजादी बहै छै।
आतंकवादी आग छितरैलै झुलसै सौंसे संसार
लोर कशमीर केरऽ संघरलै तेॅ सचमुच दुनिया बहै छै।