भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रौदा / कुंदन अमिताभ
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:15, 9 मई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुंदन अमिताभ |अनुवादक= |संग्रह=धम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
उधारो लै लेॅ पड़ौं
रौदा
तेॅ
नै हिचकिचाबऽ
लै लेॅ
आखिर धरती भी तेॅ
उधारे लेलऽ
रौदा पर ही
जिन्दा छै।