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चिट्ठी लिखलकोॅ छौ माय गोवर्धन / भगवान प्रलय

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चिट्ठी लिखलकोॅ छौ माय गोवर्धन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन बिजूरवन
कुसमी के खेत भेलै चहुए लुहान, हीरिया चनावोॅ में कानौ बेजान
नाची नाची बिलखै छै गरभी दयाल, साहनी केॅ छूरी भोकलकौ महिवाल
रझवा के पगड़ी में बारुद के गन्ह
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
के गैतौ रानी सुरंगा के गीत, सीरी-फरहाद घरै घर भयभीत
जरी गैलो रधिया छीटी केॅ माटी तेल नाय छै भैय्यारी में चार्ही सें मेल
धू-धू जरौ हरिहर मधुवन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
नाय दै छो मुरगा ने बांग भोरे भोर, कुइयाँ पर नाय छौ पनभरनी के शोर
घोॅर ऐंगन खुल्ला डेढ़िया बेपरद, बेचकौ महदेवा नें बसहा बरद
खम्महा छौ ठीक चारो ठाठ रन-भन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
बारुद फटक्का में अरबोॅ-खरब, भुखले नाचलियौ बैशाखी परब
इदोॅ के चान लागौ तजिया समान, दुखनी के भूखोॅ से डोलै इमान
कानी खिजी गावै छीं जन गण मन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
पोथी कुरान ओम नमो सुहाय, फेरु बलमिकया नें छूरी चलाय
आबेॅ नाय मंदिर में बाजै छौ शंख, महजिद अन्हार दरगाह भियो भंख
कबर्है पर कब्बर बनै छने छन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
बचलोॅ छौ पहिया आरु तिनबिधिया खेत, गजधूरा बिकी गेलौ तेतला समेत
पहिया बिन धुरा के घूमतौ केना, भरथा केॅ नून-रोटी जुमतौ केना
तै पर परोसनी सें छौ टन-धन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन
बाघ सिंह हुमड़ै छौ भैसा दहाड़, हिली-हिली जाय छौ हिमालय पहाड़
रोज महाभारत भैय्यारी लड़ाय, गोरकी नें गोतनी केॅ दै छै चढ़ाय
बिझियैलोॅ जाय छौ चक्कर सुदर्शन
घोॅर भेलोॅ जाय विजुवन विजूरवन