अरे जम्हुरा करै कमाल / छोटे लाल मंडल
अरे! जम्हुरा करै कमाल
गामो घरों के सुनावैहाल,
कैन्है लोगवा छै कंगाल
की अैइलै कलियुगवा लाल।
सुनें ओस्ताद वतावै छियौ,
चुतरो पै मारै तीन ताल।
एक ताल मे हक्का बक्का
दोसरों ताली होय जाय बेहाल।
तेसरो ताली कसी के मारिहै,
मंचो पर होय जाय भूचाल।
सुनें कलियुग के हाल सवै नें:-
तवला वोलै छै वेढंगा,
वै पै नांचै मौगी नंगा,
मरदा फेकै छे रूपैया दिलवा खोल के,
नजरो से नजर मिलाय के नां॥1॥
जेकरो वीवी भेलौ बब्बर
वें ते कामों करतौ जब्बर,
मरदा ताक लगैनें बैठै जाय के द्वार पै
नजरों सें नजर मिलाय के ना॥2॥
जे छैलौ परदा के भीतर
आय छौ मंचों केरो उपर,
मरदें सर मिलावौ कशमीरी के गेट पर,
नजरों सें नजर मिलाय केना॥3॥
मौगी करतौ सैर सपाटा,
झोला टांगतौ पीछूं मरदां,
उते चलतौ ऐड़ी जुट्टी तान के-
नजरों से नजर मिलाय केना॥4॥