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आहट / ऋतु रूप / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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हे मेघोॅ के देवता
की तोरोॅ नींद खुली गेलौं!
ई पुरवैया हवा
हठाते एतेॅ हेमाल केना छै
जेना बरफ के पंख सेॅ कोय
सौंसे देह छूतेॅ रहेॅ।
रेत पानी रं चमकेॅ लागलोॅ छै
वरुण देवता के हाँक सुनी।
हे मेघोॅ के देवता
की तोरोॅ नींद खुली गेलौं?
पुरवैया आरो पछिया
एक्के साथें
एत्तेॅ हेमाल केना होय गेलै!