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झलमल झड़ोखा के... / श्रीस्नेही

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उगथैं सुरुज खिली उठै कियारी गल्ली-गल्ली गामोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

चिड़िया चुन-मुन बनीजोॅ पेॅ गेलेॅ!
खोता छोड़ी सभ्भे परैलेॅ!!

बुढ़िया बैठली बोसी तापै अँचरा खींची केॅ तनोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

नरुआ के गद्दी सुगबुग सेजरिया!
चेंगना-चेंगनी किलकै झोपड़िया!!

खुलथैं टट्टी सोना नाकी ऐंगन हँसै बनिहारोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

रौदी के मुँह देखी उठलोॅ बुतरुआ!
साग-भात खाय-खाय गेलोॅ मजरुआ!!

संझली-मंझली कचिया सम्हालै होशोॅ नै औकरा जाड़ोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

होलोॅ कलौवोॅ नबथैं बेर!
मौरका-मौरकी आँटी के घेर!!

खेतोॅ-घरोॅ में गाँव के बराती बीहा करै छै धानोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

पत्तन अँटिआबै कोयबच्चा पिलाबै!
तोड़ै छै साग कोय जूना बनाबै!!

लोर्हा के छीना-झपटी करै दौड़ै बच्चा किसानोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!

केसैर-कजौरघौर-कुमोद-कतरनी!
जाया-मलेंजा-रत्ना-चौधानी!!

हाथी भर-भर बोझोॅ लेॅ केॅ लचकै पुतहुआ गामोॅ के!
झलमल झड़ोखा के झालर नाकी अँचरा डोलै धानोॅ के!!