भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फुदकी नुनियां / दिनेश बाबा

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:26, 11 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश बाबा |अनुवादक= |संग्रह=हँसी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पिन्ही केॅ लहँगा साड़ी रङ
दौड़ै जना अनाड़ी रङ
बाजै पायल झुनुर झुनुर
नुनियां बोलै घुनुर घुनुर
होकरा सब्भैं प्यार करै
जें ऐंगनों गुलजार
माय देखी मुसकाबै छै
आपनों पास बोलाबै छै
चलै छै फुदकी लतर-पतर
बोलै कुछ कुछ फदर-फदर
फुदकी बुलथौं पाँ पाँ पाँ
कहै छै कुरची माँ माँ माँ
करूआ खड़ा डोलाबै दुम
सुनै लेॅ मालिक केरोॅ हुकुम