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खरगोस / दिनेश बाबा
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रेसोॅ में लागी खरगोस
व्यर्थ गँमैलक आपनो होस
कान उठाबै, हाथ उठाबै
मानी लेलकै आपनो दोस
बौव्वा कन पकड़ाय केॅ ऐलै
मानी लेलकै होकरोॅ पोस
बौव्वा के गेंदे संग उछलै
पोला छै पर लागै ठोस
एक्के बेर त चोटे लागलै
गिरी क तब होलै बेहोस
कान पकड़थैं उठी क भागलै
छन्हैं में जैसें बारह कोस
ऐलै एक तबेॅ खरगोसनी
देखथैं तब होलै मदहोस
दंड खुसी सें पेलै छै अब
संग मजा सें खेलै छै अब