भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

छोटोॅ बच्चा बस्ता भारी / दिनेश बाबा

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:42, 11 जून 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश बाबा |अनुवादक= |संग्रह=हँसी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोटोॅ बच्चा बस्ता भारी
पढवै के ई छै तैयारी
नीला रंगोॅ के पैंटोॅ पर
पीरोॅ मुरता नीला धारी
खूब फबै छै टाय गला में
दुलरा केॅ पिन्हबै महतारी
बस ऐतै, सबकेॅ लै जैतै
चढ़तै सब्भे पारा-पारी
अनुशासन में राखै लेली
गार्ड करै सब के रखबारी
बकरी के चरवाही जुगना
बच्चा के होय छै जोगवारी
ढील जरा दै केॅ देखोॅ नी
नाचेॅ लगभो बिना मदारी
ऐ में जे सुख मिलै छै ‘बाबा’
होकरा लेॅ तरसै नर-नारी