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बाजै छै बीन / भाग-2 / सान्त्वना साह

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जन्म दिन

पप्पू के जनम-दिन पर
एलिस नाचै घुरी-घुरी
केक देखी राजा के
लार चूवै घुरी-घुरी
लाले-लाल ठोरोॅ पर
हाँसी देखोॅ घुरी-घुरी
चेरी चुनी-चोभी केॅ
थपड़ी पारै घुरी-घुरी।

फुदकी चिरैयाँ

फुदकी चिरैयाँ आवै छै
मूढ़ी चुनी खावै छै
पाकलोॅ साफली खोदै छै
चुनिया देखी हाँसै छै
थपड़ी पारी उड़ावै छै
छपरी चढ़ी बोलावै छै
फुर्र उड़ी चिढ़ावै छै
फुदकी चिरैयाँ गावै छै।

असपकाड़ी

लाल, पीरोॅ, हारा
गुड्डी उड़ै आकाश
ढिल्लम दै केॅ
खोजै छै
तागा केरोॅ रास
पेंच-पेंच लड़ाय केॅ
धिच्चय-तारा खेली
असपकाड़ी काटी केॅ
राजू नाचै झूमी।

भारत देश विशाल

पढ़ी-लिखी केॅ बनवै पंडित
देश नै हुवेॅ देवै खंडित
देखतै कोय जों आँख उठाय
तित्ती नेसी देवै जराय
देशोॅ रोॅ हम्मे वीर सिपाही
दुश्मन रोॅ करी देवै तबाही
कुँवर, भगतसिंह, छत्रसाल
हमरोॅ भारत देश विशाल।

क, ख, ग

क, ख, ग-दाल-भात खो
च, छ, ज-कै दूनी छोॅ?
ट, ठ, ड-तीन दूनी छोॅ
त, थ, द-दू-चार छोॅ
प, फ, ब-तीन-तीन छोॅ
य, र ल-इस्कूल जो
क्ष, त्र, ज्ञ-दस बोल तों
जो, जो जो फुर्र उड़ी जो।

रेल

रेल चलै छुक-छुक
दीया करै भुक-भुक
नूनू ताकै टुक-टुक
सोनामनी रुक-रुक
आनी देवौ बिस्कुट
काटी खैय्हैं कुट-कुट
आँख करै झुप-झुप
दादी कहै सुत-सुत।

एक-दू-तीन

एक-दू-तीन
बाजै छै बीन
चार-पाँच-छोॅ
घोॅर घुरी जो
सात-आठ-नोॅ
कानोॅ नै तों
दस बोली हँस
खिस्सा में फँस।

गुड्डी

गुड्डी उड़ै आकास
तागा हमरोॅ पास
सात-समन्दर पार
भेजी देलियै तार
मोती केरोॅ हार
नानी के दुलार
मामा केरोॅ प्यार
नाना के पुचकार
लेलेॅ अइहैं तार
जइहैं बारम्बार।

सोनू-मोनू

सोनू-मोनू-भाय
टीनू केॅ उसकाय
नेमचूस लेॅ कनाय
हाँसै छै नुकाय
जूली नै बोलाय
टोनू केॅ फुसलाय
बन्टी सें मँगाय
नेमचूस दै खिलाय।

चुन्नी-मुन्नी

चुन्नी-मुन्नी जोड़ी
खेलै छै कोड़ी
दादी दै देहौरी
बरी-फुलौरी
पूरी-कचौड़ी
खाय छै दौड़ी
पट्टी-बस्ता छोड़ी
नाचै छै घोड़ी।