भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पत्थरों का भी दिल होता है / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:56, 15 जून 2016 का अवतरण
कौन कहता है
पत्थरों का दिल नहीं होता?
होता है
हमने तो ऐसे दिल भी देखे हैं
जिनकी हार्ट सर्जरी तक हो चुकी है।
धूप और छाँव
हमने सोचा कि हमारा घर धूप में होना चाहिए
फ़िर सोचा छाँव में होना चाहिए
फ़िर मुस्कराकर हमने अपने आप से कहा
पहले घर तो हो
धूप होगी तो छाँव भी चली आयेगी।