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चौदह / बिसुआ: फगुआ / सान्त्वना साह

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चैत हे सखी कारी रे कोइलिया, बीजूबन बोलै छै धाय हे
चम्पा नगरी खिलै, फूलवा अढ़ोलवा, सजै शीतल संग बूढ़ी माय हे।

बैसाख हे सखी रतिया इंजोरिया, लुक छिप करै छै भोरम्भोर हे
ओसरा ऐंगन खनु, वही रे पलंगिया, भिनसर कोइलिया के शोर हे।

जेठ हे सखी गंगा सरस्वती, सूरज कुमारी जमुना धार हे
जल बिन गोदावरी, नर्मदा कावेरी, भोला के करै मनुहार हे।

अषाढ़ हे सखी बूँदी जे झड़ी झड़ी, मन में जगावै रंग श्याम हे
बिजुरी जे चमकै रामा, तड़पै लखन संग सिया वियोगेॅ सिरी राम हे।

सावन हे सखी वृषभानु नन्दिनी, कालिन्दी तट झूला डाल हे
कदम कुँज बीच, बजै बँसुरिया, ललिता विशाखा निहाल हे।

भादो हे सखी चम्पा नगरिया, बिहुला के डलिया सजाय हे
मैना विषहरी, अदिति पद्मा, जया भवानी पूजाय हे।

आसिन हे सखी अठमी जगावै, कुइयाँ उघैन पगहा छान हे
ओल बेल परोल चढ़ै, कुल देवी देव केॅ, नौमी केॅ कोढ़ा बलिदान हे।

कातिक हे सखी धीया कुमार, वर लेॅ ये मास असनान हे
रीची रीची पूजै, तुलसा महारानी, साँझ बाती विधि विधान हे।

अगहन हे सखी सुक्खो के बरसा, चंदन रङ गमकै ऐंगना घोॅर हे
तुलसी मंजरी सीता, पंकज सरना, जया कतरनी पुरजोर हे।

पूस हे सखी मुन्हा मुड़ेरिया, दै छै देखाबो कखनु रौद हे
शीतलहरी चलै जबेॅ, काँपै करेजवा, सुझै नै सुरजो के जोत हे।

माघ हे सखी अष्टविभूति, वीणा पुस्तक धारिणी
पुष्टि धरा मेधा, तुष्टि गौरी प्रभा, लक्ष्मी धृति कमलासिनी।

फागुन हे सखी शिव रंगरसिया, सजी चलली ब्रजनार हे
छैला कन्हैया, टेसू फुहरिया, सरगत कली कचनार हे।