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घटक जाल / पतझड़ / श्रीउमेश

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भीखम मिसिर बड़ भीखम छै, घटकराज कहलाबै छै।
कत्तेॅ के बेटी नासी केॅ, कत्तेॅ घोॅर बसाबै छै॥
बच्ची के बुढ़बा सें, आरो मूर्खोॅ सें पढ़ला के ब्याह।
खूब कराबै छेॅ मिसरें, हम्में सूनै छी रोज कराह॥
हमरै छाया मंे बैठी केॅ, कत्तेॅ धूर फसैलेॅ छेॅ।
मूर्ख, चिविल्ला नसावाज के पीरोॅ हाथ करैलेॅ छै॥
बूढ़ोॅ बोॅर करी केॅ कत्तेॅ बेटी के कनबैलेॅ छेॅ॥
हमरै गाछी तर बैठी केॅ, व टाका गिनबैलेॅ छै॥
पढ़ली लिखली बेटी के लंठोॅ सें करम कुटैलै छै।
कत्तेॅ भोला-भाला लड़का के यें घोॅर छुटैलेॅ छेॅ॥
भीखम मिसरोॅ के चाली सें हुकरै छेॅ बेटी के, बाप।
कत्तेॅ गिनबैहौं मिसरोॅ के जत्तेॅ यें करलेॅ छेॅ पाप॥
अच्छे छेॅ यै पतझड़ में मिसरोॅ के नै छेॅ कार्य-कलाप।
नै तेॅ वेॅ देबे करतीहेॅ हमरा जीहोॅ में सन्ताप॥