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रामचरित / शब्द प्रकाश / धरनीदास
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धनि दशरथ राज कोशल्याजी, धरनी जिन राम दियो अवतारा।
धनि अवधपुरी धनि लकवन भर्थ, शत्रुघ्नधनी धतिज्ञान विचारा॥
सुग्रिव अंगद और जमवान हनुमन्त जो सैनहियार उतारा।
मारि दशानन थापि विभीषण, सीप समेत मिलै परिवारा॥24॥