Last modified on 21 जुलाई 2016, at 22:10

नाना ईश्वरवाद / शब्द प्रकाश / धरनीदास

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:10, 21 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कोइ कह एक अलेख, कोइ कह तीन विशेषै। कोइ कह दश हँ आदि, कोइ चौवीस परेखे॥
कोइ कह सत है नाम, कोइ कोइ सुनावै। कोइ भाशै सत लाख, कोइ कोइ कोहि बतावे॥
कोइ कह नाम अनंत है, काहि कहिय पंडित मुरुख।
ध्यान धरे धरनी जपे, तत्त्व नाम कर्त्ता पुरुष॥7॥