Last modified on 29 जुलाई 2016, at 00:46

अब हम पायो पिया मनमानी / संत जूड़ीराम

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:46, 29 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संत जूड़ीराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अब हम पायो पिया मनमानी।
मिट गई त्रास आस भई पूरन प्रेम प्रीत सों गत मतठानी।
जैसे मीन अंगा नीर की सब संसेत रहत आगानी।
जागो भाग सुहागन सत भयो काल कर्म की फिकर भुलानी।
जूड़ीराम सतगुरु की महिमा जिन दीना निज नाम निसानी।