Last modified on 29 जुलाई 2016, at 01:11

उरझो जगत भक्त बिसराई / संत जूड़ीराम

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:11, 29 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संत जूड़ीराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उरझो जगत भक्त बिसराई।
जादू जाल वेद विधा कर कर्म धर्म उर मची लड़ाई।
खट दरसन परस्पर पूरन आप-आप ही करत बड़ाई।
बिनु गुरु ज्ञान ध्यान मत ठानी समझ चित्त फिर-फिर अरुलाई।
भटको बहुत अटक सब टूटी सत्त असत्त दृष्टि नहिं आई।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें काल कर्म बहु फंद बधाई।