भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हौ दुलहा हौ दुलहा / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:13, 2 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=सलहे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ दुलहा हौ दुलहा
आब हम नइ तऽ चौरौलियौ तऽ बौआ हौ
तोरो तऽ सहोदरा के
आ हम नइ चौरौलियौ बौआ
तोरो तऽ सहोदरा के ने हय।

आ तौलके जे कोड़ा ही दादा
देलकै नटिनियाँ के
आ तौल के कोड़ा मारै
पाँचोतऽ नटिनियाँ के।
जल्दी बतबियौ नटिनियाँ
हमरा तऽ भैया के।-2