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हौ तब हीनपति बात मानै छै / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ तब हीनपति बात मानै छै
छौड़ा पलटनियाँ के ऑडर देलकै
जो जो रे बौआ बान्ह खोलि दे
जेल के घरमे मोतीराम गेलै
बान्ह खोला हौ सहोदरा के लेलकै
बान्ह खोला के जेल से निकललै
हा रानी फुलवंती दरशन दै छै
सुन सुन हय स्वामी नरूपिया
तोरे पर अँचड़बा स्वामी मोरंगमे बान्हलीयै हय।
हौ तब बान्ह राजा खोलि दे
हा पाँच हाथ के मड़बा बन्हबैय
परबा-पोखरिमे यज्ञ करैबै छै
यज्ञ कराके डोलाँ फनेऽबैय।
हा डोलीया लऽकऽ देवता चललै
राज महिसौथा के देवता चललै
तखनी जवाब श्री देवता सजैय
हा सुनऽ सुनहौ राजा हीनपति
हौ घर घरमे पूजा हौ मोरंगमे दीअबीयौ
आ तब हम जयबै राज महिसौथा
एकटा के गहबर मोरंगमे बन्हीयौ
तब हम जेबै महिसौथा नगरमे यौ।।