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हौ तब जवाब पलटनियाँ दै छै / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हौ तब जवाब पलटनियाँ दै छै
सुन हौ चुहरा दिल के वार्त्ता
हय नौकरी छुटलऽ राज पकरिया
हा आब नै नौकरी चुहर करै छह
टेढ़ीया बाजारमे दारू पीयै छह
तहिलय नौकरी राजा छोड़ा दइ छै हौ।
एत्तेक बात चुहर सुनैय
हा मने मन चुहरा सोचै छै
सुन सुनह राजा दरबी
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
हौ जहिया से एलीयै हौ राज पकरिया
कंचनगढ़मे देवता जुमि गेल
आ एको बेर हाक चुहर मारै छेलै
तीन कोश अवाज जाइये
चुहरा अवाज से कुत्ता भुकैय
नीमक खेलीयै सैरियत देलीयै
कहियो नै गैरहाजिर भेलीयै
सभ दिन पहरा ड्योढ़ीमे केलीयै
किया करणमा राजा नौकरी हमरा छोड़ाबै छह हौ।।
तेकरो हलतिया हमरा बता दियौ यौ।