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हौ तब जवाब चुहरा दैये / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हौ तब जवाब चुहरा दैये
सुन गे नटिनियाँ दिल के वार्त्ता
चल चल गै नटिनियाँ हमर बाग से
गै हमरा महल गोदना गोदिहै
जे आय इनाम तोहर सुपत हेतौ
गोदना गोदाइ हम तोरा देबौ
एके रत्ती आशा नटिनियाँ हमरा
जुड़ा दियौ हय।।
तोरा सिरकीमे दिवस गमेबै
चल चल नटिनियाँ मोकमागढ़मे
एत्तेक बात नटिनियाँ सुनै छै
चाँर चुहर के पेट बनबैय
सुनऽ सुनऽ हौ राजा चुहर
भोजन बनेबै सिरकी तरमे
भोजन कऽ के हमहुँ एबै
दस समाज के हमहुँ नेने
तोरा लगमे हम अबै